Cow Loss Compensation: देश की बड़ी आबादी काफी लंबे समय तक कोरोना महामारी से प्रभावित रही. जब ये संकट टल गया तो लंपी त्वचा रोग के कहर ने पशुओं की जान ले ली. देश का पशुपालन सेक्टर लंपी त्वचा रोग से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ. उत्तर भारत में ही लाखों पशुओं की मौत हो गई, जिससे पशुपालकों को भी काफी नुकसान हुआ. इस नुकसान की भरपाई के लिए कई राज्य सरकारों ने राहत पैकेज का ऐलान किया. इसी बीच राजस्थान सरकार ने भी पशुपालकों के लिए मदद का हाथ बढ़ाया है. हाल ही में अपने वार्षिक बजट में गहलोत सरकार ने लंपी से मरने वाली गायों के लिए मुआवजे की घोषणा के साथ-साथ कामधेनु बीमा योजना की शुरुआत का ऐलान किया है. 


लंपी से मरने वाले गौवंशों के लिए पशुपालकों को मुआवजा
पशुपालन सेक्टर का विकास-विस्तार करने के लिए पशुधन की सुरक्षा बेहद जरूरी है. पशुओं के अच्छे स्वास्थ्य और पशुपालकों को इनकी सुरक्षा की गारंटी मिलेगी तो ये क्षेत्र लाभकारी बनकर उभरेगा. इसी बात को ध्यान में रखते हुए राजस्थान सरकार ने अपने वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में मुख्यमंत्री कामधेनु बीमा योजना को भी शामिल किया है.


राजस्थान में लंपी रोग के प्रकोप के चलते पशु हानि झेलने वाले पशुपालकों को आर्थिक संबल का प्रावधान है. लंपी त्वचा रोग के प्रकोप से जान गंवाने वाली गौवंशों के मालिक पशुपालकों को 40,000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी. 


क्या है कामधेनु बीमा योजना
केंद्र सरकार की पशुधन बीमा योजना पूरे देश में लागू होती है, जिसके बावजूद राजस्थान सरकार ने नए बजट में कामधेनु बीमा योजना का ऐलान किया है. इसका एक बड़ा कारण यह भी है कि केंद्र की पशुधन बीमा स्कीम के तहत 50,000 पशुओं के बीमा की सीमा निर्धारित है, जबकि देश में पशुधन का विस्तार हो रहा है.


रिपोर्ट की मानें तो केंद्र की योजना में दुधारू पशुओं की असामयिक मृत्यु होने पर पशुपालकों को भरपाई नहीं मिलती. यही वजह है कि पशुपालकों को नुकसान की यूनिवर्सल कवरेज देने के लिए राज्य के पशुपालकों को मुख्यमंत्री कामधेनु बीमा योजना से जोड़ा जाएगा.


इस योजना के तहत हर एक पशुपालक परिवार को उनके 2-2 दुधारु पशुओं का बीमा करवाने की सहूलियत दी जाएगी. साथ ही, प्रति पशु बीमा का रकम 40,000 रुपये होगी. राजस्थान सरकार ने अपने बजट में कामधेनु बीमा योजना के लिए 750 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रावधान किया है, जिसका लाभ राज्य के 20 लाख पशुपालकों को मिल पाएगा.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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