Equipments for Dairy Farming: भारत के किसान और पशुपालकों के लिये डेयरी व्यवसाय (Dairy Business) और पशुपालन (Animal Husbandry) फायदा का सौदा साबित हो रहा है. सरकार भी दूध उत्पादन (Milk Production) और पशुओं की बेहतर सेहत के लिये कई योजनायें चला रही है, जिससे पशुपालक टेंशन फ्री होकर डेयरी व्यवसाय चला सकें. डेयरी व्यवसाय मेहनत का काम तो है ही, क्योंकि पशुओं की देखभाल से लेकर, चारे का इंतजाम और दूध उत्पादन तक कई जिम्मेदारियां पशुपालकों के कंधों पर होती हैं. इन सभी कामों में श्रम और समय काफी खर्च हो जाते हैं, जिससे कम करने के लिये डेयरी की मशीनों (Dairy Equipments)  का प्रयोग किया जा सकता है. इन मशीनों में ऑटोमैटिक दूध दुहाने की मशीन (Automatic Milker) से लेकर, चारा कटाई और दूध को स्टोर करने तक की मशीनें शामिल हैं.

तबेले के लिये तापमान नियंत्रण सिस्टमपशु आवास में ज्यादा गर्मी होने से पशुओं के बीमार होने का खतरा बना रहता है, इसलिये तबेले में तापमान नियंत्रित करने के लिये धुंध शीतलन प्रणाली का प्रयोग किया जाता है. इसे डेयरी फार्म का मिस्ट कूलिंग सिस्टम भी कहते हैं, जिसमें मिस्टिंग मशीनों और मिस्टिंग फिटिंग का इस्तेमाल किया जाता है, ताकि तबेले के तापमान को पशुओं के हिसाब से ठंडा बनाया जा सके.  

हरा चारा कटरपशुओं के बेहतर स्वास्थ्य और अच्छे दूध उत्पादन के लिये जरूरी है कि उन्हें पोषण से भरपूर हरा चारा खिलाया जाये. हरे चारे के लिये अनाज, घास, सेम, ज्वार, बरसीम की प्रजातियां बेहतर रहती हैं. पशुओं को हरा चारा खिलाने से पहले चारे को बारीक काटा जाता है, जिससे पशुओं को चारा पचाने में समस्या न हो, इसलिये डेयरी व्यवसाय चलाने वाले पशुपालकों को हरा चारा कटर रखने की सलाह दी जाती है. ये मशीन चारे को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट देती है. भूसा काटने वाली मशीन भी कुछ ऐसा ही काम करती है.

चारा ग्राइंडर मशीनअनाज, हरा चारा, पोषक तत्व और भूसे को मिलाकर पशु आहार बनाने वाली मशीन को चारा ग्राइंडर कहते हैं. ज्यादा पशुओं के साथ डेयरी व्यवसाय करने वाले पशुपालकों के लिये चारा ग्राइंडर किसी वरदान से कम नहीं है, क्योंकि बेहतर दूध उत्पादन के लिये पशुओं को समय-समय पर पशु आहार खिलाना होता है, जिसे हाथ से बनाने में काफी जद्दोजहद करनी पड़ जाती है. वहीं चारा ग्राइंडर मशीन से ये काम मिनटों में हो जाता है. इस मशीन से पशुओं को ताजा पशु आहार बनाकर खिलाया जा सकता है.

स्वचलित मिल्कर यानी दूध दुहने की मशीनपशुओं से कई लीटर दूध लेना भी पूरी मेहनत का काम है. ऐसे में स्वचलित मिल्कर यानी दूध दुहाने की मशीन से पशुपालकों का काम आसान  हो जाता है. इन मशीनों से हाथ के बजाये बैक्यूम पंप का इस्तेमाल किया जाता है, जो मोटर से जुड़ी होती है. दूध को स्टोर करने के लिये पंप से एक बड़ी पाइप जुड़ी होती है, जिसे दूध के टैंक या बाल्टी से जोड़ा जाता है. इस मशीन से कम मेहनत और कम समय में ही दूध मिल जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक इस मशीन का इस्तेमाल गाय को दुहने के लिये नहीं करना चाहिये.

पाश्चराइजर मशीनडेयरी फार्मों (dairy Farming) पर पशुओं से दूध निकालने के बाद उसका पाश्चरीकरण (Pasteurisation) किया जाता है, जिससे बेचने तक दूध को नुकसान ना हो और दूध में मौजूद हानिकारक वैक्टीरिया भी खत्म हो जायें. इस मशीन में दूध डालकर उसे गर्म किया जाता और एक निश्चित समय के लिये उसी तापमान पर रखा जाता है. बाद में इस दूध को ठंडा करके थैलियों में भर दिया जाता है, जिसके बाद इसे स्टोर(Milk Storage) करने और बेचने में काफी आसानी होती है. 

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