Refrigerated Vehicle Subsidy: भारत में बड़े पैमाने पर अन्न उत्पादन किया जाता है, लेकिन बदलते परिवेश में अब किसान बागवानी फसलों की ओर रुख कर रहे हैं. फल-सब्जी उत्पादन की आधुनिक तकनीकों के आ जाने से बागवानी क्षेत्र में मुनाफा बढ़ता जा रहा है. ये फसलें कम समय में पककर तैयार हो जाती हैं और बाजार में अच्छे दाम भी मिल जाते हैं, लेकिन एक चिंता अभी भी खत्म नहीं हुई है. वो है बागवानी फसलों के भंडारण और ट्रांसपोर्टेशन की. फल और सब्जियों की सेल्फ लाइफ काफी कम होती है. इनके जल्दी खराब होने की संभावना भी ज्यादा होती है, इसलिए कटाई के 2-3 दिन के अंदर इन्हें मंडी पहुंचाना होता है.


बिहार में भी बागवानी फसलों का रकबा तेजी से बढ़ा रहा है. यहां फल-सब्जियों का कटाई उपरांत प्रबंधन करने के लिए सरकार ने एक खास योजना निकाली है. राज्य के किसानों को रेफ्रिजरेटिड वाहन पर 50 से 75 फीसदी अनुदान दिया जा रहा है.


रेफ्रिजरेटिड वाहन पर अनुदान


बिहार कृषि विभाग, बागवानी निदेशालय की ओर से जारी ट्वीट के मुताबिक, एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के अंतर्गत व्यक्तिगत किसान, उद्यमी या किसान उत्पादक संगठनों को फल-सब्जियों की ढुलाई के लिए रेफ्रिजरेटड वाहन खरीदने के लिए इकाई लागत पर  50 से 75 फीसदी अनुदान दिया जाएगा.


यदि आप भी किसान हैं और बागावनी फसलों की खेती करते हैं तो रेफ्रिजरेटिड वाहन की खरीदने के लिए कई वित्तीय संस्थाएं शॉर्ट टर्म लोन भी उपलब्ध करवाती हैं. बिहार सरकार की ओर से दिए जा रहे अनुदान का लाभ उठाने के लिए horticulture.bihar.gov.in पर विजिट कर सकते हैं. अधिक जानकारी के लिए अपने जिले के कृषि या बागवानी विभाग के कार्यालय में भी संपर्क कर सकते हैं. 






क्या है अनुदान की राशि और पात्रता


एकीकृत बागवानी मिशन योजना के तहत बिहार के किसानों को रेफ्रिडरेटिड वाहन की खरीद पर 50 से 75 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा रही है. जानकारी के लिए बता दें कि रेफ्रिजरेटिड वाहन खरीद की लागत 26 लाख रुपये रखी गई है, जिस पर किसानों और उद्यमियों को 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी यानी 13 लाख रुपये तक अनुदान मिलेगा. वहीं किसान उत्पादक समूहों के लिए 75 प्रतिशत सब्सिडी यानी 19 लाख रुपये की कीमत पर रेफ्रिजरेटिड वाहन उपलब्ध करवाया जाएगा.


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