Lumpy Vaccination: कोरोना महामारी के बाद से ही पशुओं पर लंपी रोग कहर बरपा रहा है. इस रोग के संक्रमण से हजारों गौवंश अपनी जान गंवा चुके हैं.बिहार में भी यह सिलसिला जारी है.  हाल ही में, कैमुर जिले में भी लंपी रोग से ग्रस्त 2 गाय अपनी जान गंवा चुकी हैं. लंपी के बढ़ते खतरे की बीच पशुपालन विभाग ने 19 जिलों के अलर्ट जारी कर दिया है. दूसरे राज्यों से आने वाले गौवंशों को भी 14 दिन तक क्वारनटाइन करने के आदेश जारी हुए हैं. कैमूर के साथ-साथ दरभंगा, पटना, पूर्णिया, नवादा, शेखपुरा, जहानाबाद, नालंदा, गया और बक्सर जिलों को लंपी रोग के चलते रेड जोन घोषित कर दिया गया है.


यहां पशुओं को लंपी के संक्रमण से बचाने के लिए घर-घर जाकर गोट पोक्स का टीका लगाया जा रहा है. 9 जनवरी से ही करीब 28 जिलों में टीकाकरण की प्रक्रिया चल रही है. इस बीच पशु चिकित्सा विभाग ने 1.5 करोड़ पशुओं के टीकाकरण का लक्ष्य रखा है.


लंपी नियंत्रण के लिए कंट्रोल रोल
बिहार के पशु चिकित्सा विभाग ने राज्य के गौवंशों के लंपी के संक्रमण से बचाने की तैयारियां चालू कर दी हैं. गांव-गांव जाकर गौवंशों का टीकाकरण किया जा रहा है. यदि लंपी संक्रमित पशुओं के लिए आपातकालीन स्थिति पैदा हो रही है तो पशुपालक सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक कंट्रोल रूम के हेल्पलाइन नंबर- 0612-2226049 पर संपर्क कर सकते हैं.






इन जिलों में हो रहा टीकाकरण 
9 जनवरी 2023 से पटना, नालंदा, भोजपुर, रोहतास, बक्सर, कैमुर, जहानाबाद, नवादा, औरंगाबाद, अरवल, बांका, जमुई, शेखपुरा, खगड़िया, मुजफ्फरपुर, वैशाली, पं.चंपारण, पू. चंपारण, मधुबनी, समस्तीपुर, बेगुसराय, कटिहार, किशनगंज, सहरसा, सिवान, गोपालगंज, गया, पूर्णिया में गायों का टीकाकरण किया जा रहा है.



  • 13 जनवरी 2023 से लखीसराय

  • 14 जनवरी 2023 से मधेपुरा

  • 21 जनवरी 2023 से अररिया

  • 28 जनवरी 2023 से मुंगेर

  • 30 नजवरी 2023 से सुपौल

  • 15 फरवी 2023 से सीतामढ़ी

  • 1 मार्च 2023 से भागलपुर, दरभंगा

  • 3 मार्च 2023 से शिवहर, सारण


कहां करें संपर्क
बिहार पशु चिकित्सा विभाग की ओर से लंपी की रोकथाम के लिए किए जा रहे गोट पोक्स के टीकाकरण की प्रक्रिया पूरी तरह से नि:शुल्क है. यदि आपके गौवंशों को भी गोट पोक्स का टीका नहीं लगा है तो पशुपालन निदेशालय के हेल्पलाइन नंबर-0612-2230942 पर कॉल कर सकते हैं. अधिक जानकारी के लिए पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान, पटना के हेल्पलाइन नंबर 0612-2226049 पर भी संपर्क कर शंका समाधान कर सकते हैं.


क्यों लगाया जाता है गोट पोक्स का टीका
जानकारी के लिए बता दें कि लंपी त्वचा रोग में पशुओं की स्किन पर गांठे पड़ जाती है, जिनसे रक्त का प्रवाह होता है और पशुओं को भी असहनीय पीड़ा होती है और इसी पीड़ा में पशु अपनी जान छोड़ देते हैं.


इस रोग की शुरुआत बुखार से होती है.  एक तेजी से फैलने वाली बीमारी है, जो पशुओं में मच्छर, मक्खी और खून चूसने वाले कीड़ों के द्वारा एक से दूसरे पशु तक पहुंचती है. गौवंशों में इसका अधिक प्रभाव देखा गया है.


लंपी वायरस को गोट पोक्स वायरस परिवार से मिलता-जुलता बताया जा रहा है. यही वजह है कि इस महामारी की रोकथाम के लिए गौवंशों को गोट पोक्स के टीके लगाए जा रहे हैं. बिहार के करीब 29 जिलों में लंपी संक्रमण के खिलाफ टीकाकरण का काम चल रहा है.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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