Mushroom Farming:  किसानों की आय को दोगुना करने और गांव में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए सरकार नित नई योजनाएं ला रही है. राज्य सरकारें भी अपने-अपने स्तर पर कई स्कीम का लाभ किसानों तक पहुंचा रही हैं. इन दिनों पूरे देश में बागवानी फसलों की खेती का चलन बढ़ रहा है. इंटरनेशनल मार्केट में भी भारतीय फल-सब्जियों की मांग बढ़ रही है. कुछ सब्जियों में भारतीय किसानों ने अपना रुतबा बना लिया है. इन फसलों में मशरूम का नाम भी शामिल है, जो ना तो फल है और ना ही सब्जी, लेकिन एक फंगी, कवक या सुपरफूड के तौर पर इसकी काफी डिमांड हो रही है.


इसके औषधीय गुण शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने का काम करते हैं. देश में बड़े पैमाने पर मशरूम की खेती हो रही है. कुल मशरूम उत्पादन का 75 प्रतिशत उत्तराखंड, हरियाणा, उड़ीसा, महाराष्ट्र और बिहार से आ रहा है.


बिहार के किसानों ने धान की खेती करके पराली को मशरूम की खेती में प्राथमिकता से इस्तेमाल किया है, जिसके चलते अब राज्य मशरूम उत्पादन में पहले पायदान पर है. यहां से कुल उत्पादन का 10.82 फीसदी हिस्सा मिल रहा है.


झोपडी में हो सकती है खेती
मशरूम एक ऐसी फसल है, जिसकी खेती के लिए खेत-खलिहानों की कोई आवश्यकता नहीं. आप घास-फूस की झोपडियां बनाकर भी मशरूम की खेती कर सकते हैं. बिहार में इस मॉडल का चलन बढ़ता जा रहा है.


तब ही तो राज्य से 10.82 फीसदी उपज मिल रही है. इस काम में किसानों की मदद के लिए बिहार सरकार ने मशरूम हट स्कीम चलाई है, जिसके तहत मशरूम उगाने के लिए राज्य सरकार ही लोगों को झोपडी उपलब्ध करवा रही है. यह कम खर्च में खेती करके आमदनी बढ़ाने का जरिया है.






कैसे मिलेगा लाभ
यदि आप भी बिहार के किसान हैं और मशरूम की खेती के लिए आर्थिक मदद चाहते हैं तो मशरूम हाट स्कीम में आवेदन कर सकते हैं. बिहार सरकार समय-समय पर इस योजना के तहत आवेदन मांगती है. आप चाहें तो बिहार कृषि विभाग, बागवानी निदेशालय की ऑफिशियल साइट पर भी विजिट कर सकते हैं.


बता दें कि इस स्कीम में आवेदन करने वाले किसान को झोपडी के साथ-साथ मशरूम फार्मिंग की मिनी किट भी प्रोवाइट की जाती है. राज्य सरकार के अलावा, केंद्र सरकार की ओर से भी मशरूम उगाने के लिए 50 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाती है.


कई किसानों को मिल रहा लाभ
आज बिहार के कई किसान मशरूम हाट स्कीम का लाभ लेकर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. ये योजना गरीब और छोटे किसानों के लिए मददगार साबित हो रही हैं. इन्हीं किसानों में नांलदा जिले की निशा कुमार भी शामिल हैं, जिन्होंने 4 से 5 साल पहले ही मशरूम  की खेती चालू कर दी थी. आत्मा और उद्यान विभाग के सहयोग से निशा को भी मशरूम हाट स्कीम का लाभ मिला और आज 2,000 बैग के साथ मशरूम का बंपर उत्पादन ले रही हैं.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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