Subsidy on Tea Processing Unit: भारत में चाय के शौकीन तो है ही, साथ ही अब पूरी दुनिया भी भारतीय चाय (Indian Tea) की दीवानी हो चुकी है. जब भी चाय के बागानों (Indian Tea Estate) की बात होती है तो दार्जलिंग (Darjeeling Tea) और नीलगिरी पहाड़ियों में चाय के बागानों (Tea Estate in Neelgiri Hills) की तस्वीर दिमाग में छप जाती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बिहार में अब चाय के बागानों से नया दार्जलिंग बन चुका है. जी हां, बिहार के किशनगंज को ही 'बिहार के दार्जलिंग' की उपाधि मिली है. यहां करीब 15,000 एकड़ जमीन पर चाय के बागन है, जिससे क्षेत्रीय किसानों और ग्रामीणों को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं.


बता दें कि पिछले दिनों बिहार सरकार ने चाय की खेती (Tea Farming in Bihar) के लिये किसानों को आर्थिक अनुदान  देने की पहल की थी. अब इसी कड़ी में बिहार कृषि विभाग (Bihar Agriculture Department) की ओर से राज्य में चाय के प्रसंस्करण इकाई यानी चाय का प्रोसेसिंग बिजनेस (Tea Processing Business) बढ़ाने की कवायद की जा रही है. इसके लिये बिहार की सरकार राज्य के किसानों, व्यक्तिगत निवेशकों और किसान उत्पादक संगठनों को 25% तक अनुदान (Subsidy on Tea Processing Unit)  दे रही है. अगर किसान इस योजना का लाभ लेकर चाय की खेती के साथ-साथ प्रोसेसिंग करेंगे तो आर्थिक स्थिति तो मजबूत होगी ही, साथ ही दूसरे किसानों के लिये भी रोजगार के रास्ते खुलेंगे.






चाय की प्रोसेसिंग पर सब्सिडी
बिहार कृषि विभाग, बागवानी निदेशालय द्वारा बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति (Bihar Agriculture Investment Promotion Policy) के तहत चाय की प्रसंस्करण इकाई लगाने के लिये राज्य के किसानों को पूंजीगत अनुदान दिया जा रहा है.



  • इस योजना के तहत चाय की प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिये राज्य के किसानों और व्यक्तिगत निवेशकों को कुल इकाई लागत पर 15% तक आर्थिक अनुदान दिया जायेगा.

  • वहीं राज्य के किसान उत्पादक संगठन (FPO/FPC) को चाय की प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिये इकाई लागत पर 25 प्रतिशत तक की सब्सिडी का प्रावधान है.


यहां करें आवेदन
बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति के तहत चाय की प्रसंस्करण इकाई यानी चाय पत्ती का प्रोसेसिंग बिजनेस करने पर सब्सिडी (Subsidy on Tea Processing Unit)  का लाभ लेने के लिये बिहार बागवानी विभाग (Bihar Horticulture Department) की आधिकारिक वेबसाइट horticulture.bihar.gov.in पर विजिट कर सकते हैं. इसी के साथ-साथ अपने नजदीकी जिले के सहायक निदेशक उद्यान से संपर्क करके योजना और आवेदन की प्रक्रिया की जानकारी लेकर आवेदन फॉर्म के साथ-साथ आवश्यक दस्तावेज भी जमा करवा सकते हैं.


चाय की खेती पर भी सब्सिडी
बिहार सरकार अब राज्य को चाय के केंद्र बिंदू यानी 'टी हब' (Tea Hub) के रूप में स्थापित करने पर काम कर रही है. इसके लिये राज्य के किसानों को चाय की खेती पर 50 प्रतिशत तक सब्सिडी (Subsidy on Tea) का प्रावधान किया गया है. चाय की खेती पर सब्सिडी योजना के नियमों के मुताबिक, इस खरीफ सीजन में राज्य के जिन किसानों ने चाय के नये पौधों की रोपाई की है, उन्हें 50% सब्सिडी (Subsidy on Tea Farming) यानी अधिकतम 2 लाख 47 हजार रुपये का अनुदान दिया जा रहा है. चाय के बागानों के लिये बिहार सरकार (Bihar Government) ने 4 लाख 94 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की अधिकतम इकाई लागत निर्धारित की है. 


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


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