Rabi Season Farming: ठंड ने दस्तक दे दी है. इस बीच रबी फसलों की बुवाई भी तेजी से चल रही है. कई इलाकों में फसल के पौधे बड़े होते जा रहे हैं. ये मौसम सब्जी फसलों के लिए भी बेहद अच्छा है, लेकिन बदलते में मौसम में किसानों और पशुपालकों की चिंताएं कुछ बढ़ जाती हैं. मौसम, खेती और पशुपालन से जुड़ी, तमाम चिंताओं की रोकथाम के लिए मौसम विभाग ने एग्रोमेट एडवायजरी जारी की है, जिसमें बताया गया है कि अगले 5 दिन बारिश की संभावना नहीं है, लेकिन आसमान में बादल छाए रहेंगे.


मौसम में हल्की सर्दी बढ़ती जा रही है, इसलिए पशुओं का खासतौर पर ध्यान रखें. यह समय पशु चारा की खेती के लिए भी अनुकूल है, इसलिए खेतों में बरसीम की बुवाई कर लें. गेहूं और चना की बुबाई जल्द निपटा लें और सब्जी फसलों में कीट रोगों की निरगानी करते रहें. आइए जानते हैं विस्तार से.


इन बातों का ध्यान रखें किसान


यह समय चारा फसलों की बुवाई के लिए सबसे उपयुक्त है, इसलिए खेतों में नमी का ध्यान रखते हुए बरसीम (वरदान-1), लूसर्न और जई (केंट) की बुवाई का काम पूरा कर लें.



  • दलहनी फसलों की बुवाई से पहले बीजों पर राइजोबियम कल्चर, पीएसबी कल्चर और सूखा प्रभावित इलाकों में ट्राइकोडर्मा का इस्तेमाल करें.

  • इस तरह बीज उपचार के बाद बुवाई करने से मिट्टी की कमियां दलहन के उत्पादन को प्रभावित ना करें.

  • तापमान के गिरावट के मद्देनजर जल्द से जल्द नवंबर में गेहूं, चना, मसूर और मटर की बुवाई निपटा लें.

  • किसी फसल की बुवाई से पहले मिट्टी की जांच अवश्य करवाएं, जिससे जरूरत के मुताबिक खाद-उर्वरकों का इस्तेमाल किया जा सके.


बागवानी फसलों की खेती


इन दिनों टमाटर और मिर्च की फसल में लीफ कर्ल के लक्षण देखे जा रहे हैं, इसलिए मौसम साफ होने पर इमिडाक्लोप्रिड की 1 मिली और थियामेथोक्साम की 1 ग्राम प्रति 3 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें.



  • आलू की जल्दी बुवाई वाली फसल पर मिट्टी चढ़ाने का काम कर लें. बाद में नाइट्रोजन उर्वरक का भी छिड़काव करें.

  • अभी तक आलू की बुवाई नहीं की है तो नवंबर के अंत तक कुफरी सिंदूरी और कुफरी लालिमा किस्मों से बुवाई का काम पूरा कर लें.


पशुओं के लिए सलाह


बदलते मौसम में सिर्फ खेती ही नहीं, बल्कि पशुओं को भी खास देखभाल की जरूरत होती है. इन दिनों बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है, इसलिए पशु चिकित्सक की सलाह पर टीके लगवाएं.



  • पशुओं को मच्छर, मक्खी और मकड़ी के प्रकोप से बचाने के लिए पशु बाड़े या तबेले को साफ-सुथरा रखें. 

  • इन दिनों पशुओं के खास-पान का खास ध्यान रखें. पशुओं को सूखे चारे के साथ दलिया, चरी और सुबह-शाम एक चम्मच नमक भी खिलाएं.

  • पशुओं के लिए बिछावन और पहनाने के लिए जूट या कपड़े के साफ कपड़ों का इंतजाम कर लें.

  • इन दिनों पोल्ट्री फार्म की भी साफ-सफाई का ध्यान रखें, क्योंकि मुर्गियों में रानीखेत और गुम्बोरो रोग का इंफेक्शन फैल सकता है, रोकथाम के लिए टीकाकरण अवश्य करवाएं.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


यह भी पढ़ें: ध्यान दें किसान...20% तक बढ़ जाएगी आलू की पैदावार, खेती के लिए अपनाएं ये खास तरीका