Home Delivery of Agriculture Products: खेती-किसानी से जुड़े काम समय पर किए जाएं तो किसानों को फायदा मिलना तय है, लेकिन खेती के लिये खाद-बीज से लेकर कीटनाशक तक अलग-अलग दुकान पर जाकर खरीदने होते है. इस काम में मेहनत को लगती ही है, साथ ही काफी पैसे भी खर्च हो जाते हैं. खासतौर पर साल 2022 में कोरोना महामारी (Covid-19) के दौरान किसानों के लिये अलग-अलग दुकानों पर जाकर इन सामानों को खरीदना काफी मुश्किल हो गया.


ऐसी स्थिति में किसानों भी उन विकल्पों को तलाशने लगे, जिनसे घर बैठे ही खेती से जुड़े सामानों की होम डिलीवरी हो जाए. इस बीच हरियाणा और पंजाब के किसानों को ई-फार्म्स (E-Faarms) के जरिये यही सुविधा मिल रही थी. 


ई-फार्म्स
कोरोना महामारी के समय किसानों को खाद, बीज, उर्वरक से लेकर पशु आहार और खेती से जुड़े दूसरे सामान उनके घर तक पहुंचाये जा रहे थे. इस काम को मुमकिन बनाया ई-फार्म्स एग्री बिजनेस ने. इस कंपनी के संस्थापक आलोक दुग्गल बताते हैं कि कोरोना महामारी के दौरान उनके दोस्तों ने मिलकर कुछ नया करने का सोचा और ऐसे विकल्प पर काम करने लगे, जिसके जरिये किसानों को रोजाना घर बैठे ही खेती और पशुओं से जुड़ी जरूरत का सामान पहुंचाया जाये. इस इको सिस्टन पर काम करने लगे तो ई-फार्म्स स्टार्ट अप की शुरूआत की. 


 






एक से 70,000 गांव तक बनाई पहुंच
लॉकडाउन के दौरान ई-फार्म्स की शुरूआत हुई. उस समय इस एग्री स्टार्ट अप (Agri StartUp) को पंजाब-हरियाणा के एक-एक गांव से शुरू किया गया और किसानों को घर बैठे उनकी जरूरत का सामान पहुंचाया गया. जब इस काम में सफलता मिलने लगी तो ये स्टार्ट अप 70,000 गांव तक पहुंच गया. अब किसान ई-फार्म्स से ही खेती से जुड़ा सामान ऑर्डर करके घर पर ही मंगवाने लगे.


रिपोर्ट्स के मुताबिक, आज करीब 7 राज्यों के किसानों को कीटनाशकों से लेकर खाद-उर्वरक, बीज और यहां तक कि पशु आहार तक घर पर डिलीवर किया जाता है. युवाओं के नवाचार और किसानों को कुछ नया करने के जज्बे ने आज ई-फार्म्स जैसे एग्री स्टार्ट अप को ऊंचाईयों पर पहुंचा दिया है. ऐसे कई कृषि स्टार्टअप और कृषि बिजनेस (Agri Business) के जरिये ग्रामीणों को रोजगार भी मिलता है. इस तरह के स्टार्टअप के लिये केंद्र और राज्य सरकार आर्थिक अनुदान भी देती हैं. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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