African Swine Fever In MP: वायरस मनुष्य, पशु, पक्षी सभी को अपनी चपेट में ले लेते हैं. कोरोना वायरस ने देश ही नहीं दुनिया में कहर बरपाया. विश्व में लाखों लोगों की मौत वायरस की चपेट में आकर हो गई. पशुओं को भी कई तरह के वायरस अपनी चपेट में ले लेते हैं. मध्यप्रदेश में भी ऐसा वायरस कहर बरपा रहा है. यहां सूअर अफ्रीकन स्वाइन पफीवर की चपेट में आ रहे हैं. वायरस से होने वाला रोग आखिर है क्या? यही जानने की कोशिश करते हैं. 


क्या है अफ्रीकी स्वाइन फीवर?
अफ्रीकी स्वाइन फ्लू(ASF) पालतू और जंगली सुअरों में होने वाली अत्यंत संक्रामक बीमारी है. वायरस की चपेट में आने पर अधिकांश सुअरों की मौत तक हो जाती है. इसका सुअर पालकों को बड़ा नुकसान होता है. इसका असर मनुष्यों में नहीं देखने को मिला है. सुअर से दूसरे सुअर में यह बीमारी तेजी से फैलती है. 


एमपी के शिवपुर में 2000 सुअरों की मौत
मध्यप्रदेश के शिवपुरी में यह वायरस सुअरों का काल बनता जा रहा है. वहां अभी तक 2000 से अधिक सुअरों की मौत हो चुकी है. दअरसल, पिछले कुछ दिनों से क्षेत्र में लगातार सुअरों की मौत हो रही थी. इसको लेकर प्रशासन को पशु चिकित्सा अधिकारी परेशान थे. सुअरों के सैंपल लेकर जांच के लिए भोपाल स्थित राज्य पशु रोग अन्वेशण प्रयोगशाला भेजे गए थे. वहां से सुअरों में ASF होने की पुष्टि हुई. जांच अधिकारियों के सामने संकट यह है कि वायरस की चपेट में आने वाले कई सुअरों की पहचान नहीं हो पा रही है. अब एक और निर्णय अधिकारियों के स्तर से लिया गया है.


प्रभावित इलाकों में सुअरों को मारा जाएगा
पहचान न होने के कारण एक अब सुअरों को मारने का निर्णय लिया गया है. संकमित पशुओं की पहचान कर या उनसे मिलते जुलते लक्षणों वाले सुअरों को मार दिया जाएगा. ऐसा इसलिए किया जाएगा, ताकि संक्रमित पशुओं से वायरस स्वस्थ्य सुअर तक न पहुंचे. जिला स्तरीय अधिकारियों ने आमजन से अपील की है कि अफ्रीकन स्वाइन पफीवर को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है. यह रोग सुअरों से इंसानों में नहीं फैलता है. यदि कोई संक्रमित सुअर होने की सूचना मिल रही है तो तुंरत इसकी जानकारी जिला प्रशासन और पशु चिकित्सा विभाग को दें. 


सुअरों की मांस बिक्री पर रोग
वायरस के प्रकोप को देखते हुए सुअरों के मांस की बिक्री पर रोक लगा दी गई है. यदि कोई सुअर का मांस बेचता मिला तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी. वहीं सुअरों का परिवहन भी नहीं किया जाएगा.



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.



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