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ISIS संग युद्ध समाप्ति के बाद 10 मिनट में एक फाइटर को दी जा रही मौत की सज़ा, पत्नियों को भी नहीं बख्शा जा रहा

एबीपी न्यूज़   |  19 Apr 2018 03:00 PM (IST)
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File Photo: गिरफ्तार लोगों में 1,350 विदेशी महिलाएं और 580 बच्चे भी शामिल हैं. इनमें से ज़्यादातर ने पिछले साल इराकी फौज के सामने सरेंडर किया था. इराक की गिरफ्त में तुर्की, रूसी और सेंट्रल एशिया के सबसे ज़्यादा नागरिक हैं.

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File Photo: कोर्ट से जुड़े लोगों का कहना है कि 2017 की गर्मी के मौसम से अबतक 10,000 से ज़्यादा मामलों को कोर्ट के पास भेजा गया है. उन्हीं के मुताबिक कोर्ट ने अबतक 2,900 लोगों की सुनावई पूरी कर ली है. इनमें से लगभग 98% लोगों को सज़ा सुनाई गई है. इसकी साफ जानकारी नहीं है कि कितनों को मौत की सज़ा दी गई और कितनों फांसी पर लटकाया गया.

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File Photo: वहीं इराक ने न्याय मंत्रालय ने आरोपों को धत्ता बताया है. मंत्रालय ने कोर्ट की तारीफ भी की है. मंत्रायल का कहना है कि अगर मामले में सबूत मिल रहे हैं तो आरोपियों को सज़ा दी जा रही है और सबूत नहीं होने पर उन्हें सज़ा नहीं दी जा रही है. सरकार ने ऐसा कोई आंकड़ा पेश नहीं किया है कि ISIS से जुड़े होने के मामले में कितनों को गिरफ्तार किया गया है. टाइम्स को सूत्रों के हवाले से पता चला है कि अब तक ISIS से जुड़े होने के मामले में 13,000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है. 2017 में सबसे ज़्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया था.

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File Photo: आलोचकों को कहना है सज़ा की इस प्रक्रिया में लड़ाकुओं के साथ उनके परिवार वालों को भी नहीं बख्सा जा रहा है. ये सज़ा से ज़्यादा बदले की कार्रवाई जैसा है. यूएन हाई कमीशन फॉर ह्यूमन राइट्स के ऑफिस का कहना है कि ऐसी कार्रवाई से न्यायिक प्रक्रिया को गंभीर छति होने की आशंका है. ह्यूमन राइट्स वॉच ने भी ऐसा ही बयान जारी किया है.

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File Photo: देश अभी ISIS के सदमे से उबर रहा है और यहां को लोगों का देश के पीएम हैदर अल आबादी को भरपूर समर्थन है. इसी समर्थन का सहारा लेकर सरकार कोर्ट के सहारे तेज़ी से लोगों को फांसी के तख्ते तक भेज रही है. इराकी ज्वाइंट ऑपरेशन कंमाड के प्रवक्ता यहया रसूल का कहना है, इन आतंकियों ने मानवता के खिलाफ अपराध किया है इस अपराध का शिकार होने वालों में इराक के लोग भी शामिल हैं. उन्हें न्याय दिलाने के लिए इनका फांसी पर चढ़ाया जाना ज़रूरी है. ऐसी सज़ा से ये आइंदा ऐसा करने के डरेंगे.

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File Photo: ह्युमन राइट्स वॉच का मानना है कि दिसंबर तक ISIS से जुड़े होने के मामले में 20,000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं न्यूज़ एजेंसी एपी के मुताबिक 2014 से अबतक इस मामले में इराक ने 19,000 लोगों को हिरासत में लिया है. इनमें से ज़्यादातर को युद्ध के मैदान से गिरफ्तार किया गया था.

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File Photo: इराक में अतंकावाद के लिए मौत की सज़ा का प्रावधान है. इसी के तहत इस देश में ISIS से दूर तक भी जुड़े लोगों को सीधे फांसी की सज़ा दी जा रही है. इनमें ISIS फाइटरों की पत्नियां भी शामिल हैं. ऐसा संभव है कि इस आतंकी संगठन से जुड़ने को लेकर इन फाइटरों की पत्नियों की कोई राय ना ली गई हो, बावजूद इसके इन्हें तेज़ी से फांसी की सज़ा दी जा रही है. कोर्ट को डर है कि अगर इससे कम सज़ा दी जाएगी तो लोगों को लगेगा कि ISIS ने इराकियों संग गुलामी करवाने, रेप करने और उनकी हत्या करने जैसे जो अपराध किए हैं उन्हें लेकर कोर्ट गंभीर नहीं है.

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File Photo: हर 10 मिनट की दर से फांसी की सज़ा सुना रहे कोर्ट में एक के बाद एक महिला का प्रवेश हुआ. अलग-अलग मूल की इन 14 महिलाओं को कोर्ट ने थोड़ी ही देर में फांसी की सज़ा दे दी. जैसा की हम आपको बता चुके हैं कि ऐसा तब से हो रहा है जब से इराक ने ISIS के ऊपर जीत हासिल की है. इस जीत के बाद इस देश ने हज़ारों ISIS के लड़कों, उसके लिए काम करने वालों और उनके परिवार वालों को पकड़ा था. इन सब पर ISIS के तीन सालों के राज के दौरान उसका सहायक होने का आरोप है.

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File Photo: अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स की मानें तो ईराक में चल रही कार्रवाई में कोर्ट 10 मिनट के भीतर एक फांसी की सज़ा सुना रहा है. देश से ISIS के सफाए के बाद इस आंतकी समूह के समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. ऐसी ही एक सुनवाई में 42 साल की गृहणी का ज़िक्र करते हुए टाइम्स ने लिखा है कि उन्हें अपने बचाव के लिए दो मिनट का समय दिया गया. बचाव में अमीना नाम की इस महिला ने हर दलील पेश की लेकिन अंत में कोर्ट ने उनके लिए फंसी की सज़ा मुकर्रर की.

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