भारत का पहले मुगल शासक बाबर वैसे तो बेहद क्रूर राजा था, लेकिन कहा जाता है कि उनका दिल नर्म भी था.



हरबंस मुखिया के मुताबिक, एक बार बाबर जंग की तैयारी में जुटे हुए थे.



जंग की तैयारी के दौरान किसी ने उन्हें खाने के लिए खरबूज पेश किया था.



जंग के पहले खरबूज देखकर बाबर खुश हो गए थे और खुशी से रोने लगे थे.



कहा जाता है कि बाबर इसलिए रो पड़े थे क्योंकि सालों से उन्होंने खरबूजा देखा नहीं था.



बाबर को कौन नहीं जानता. वह 12 साल की उम्र में ही राजा बन गए थे. इतिहास की मानें तो 47 साल की उम्र में उन्होंने दम तोड़ दिया था.



बाबर 47 साल तक जिए थे, लेकिन उतनी उम्र तक वह जंग में जुटे हुए थे.



बताया जाता है कि बाबर ने परिवार की जिम्मेदारियों को भी खूब निभाया था और वह अपनी मां और नानी को खूब मानते थे.



बाबर अपनी बड़ी बहन के लिए आदर्श भाई भी थे. बेटे हुमांयू के लिए बाबर ने दुआ मांगी थी कि भले ही उनकी जान चली जाए, लेकिन उनके बेटे हुमांयू को स्वस्थ कर दे.



बाबरनामा के मुताबिक, वह दुनिया के पहले शासक थे, जिसने खुद अपनी आत्मकथा लिखी थी.