भारतीय नोट दुनिया के कई देशों की करेंसी से मजबूत है

डॉलर के मुकाबले रुपये की वैल्यू हमेशा कम-अधिक होती रहती है

लेकिन भारतीय नोट की कहानी में ऐसा बदलाव नहीं होता है

हर नोट के पीछे विभिन्न स्मारकों, जानवरों, स्थलों, मंदिरों और व्यक्ति आदि की तस्वीरें छपी होती है

नोट पर तस्वीर दिखाने का मूल उद्देश्य देश की संस्कृति और जैव विविधता को दुनिया को दिखाना है

इससे पहले देश में जॉर्ज पंचम की तस्वीर वाले एक रुपये के चांदी के सिक्के प्रचलन में थे

लेकिन प्रथम विश्व युद्ध के कारण चांदी के सिक्कों की आपूर्ति कम हो गई

इसलिए सरकार ने 30 नवंबर 1917 को एक रुपये का नोट छापा

एक रुपये का नोट आरबीआई द्वारा नहीं बल्कि वित्त मंत्रालय द्वारा मुद्रित किया जाता है

हर नोट के आगे पीछे छपी चीजों को अपना अलग महत्व है.