आज यानी 20 मई को जापान के हिरोशिमा शहर में G-7 शिखर सम्मेलन हो रहा है. इसमें PM मोदी भी शामिल हुए हैं.



भारतीय PM मोदी लगातार चौथी बार G-7 की मीटिंग में बतौर गेस्ट शामिल हुए हैं. G-7 दुनिया के सात अमीर देशों का ग्रुप है.



G-7 को ग्रुप ऑफ सेवन भी कहा जाता है. इसके सदस्य देश हैं- अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, जापान, कनाड़ा और इटली.



G-7 की स्थापना कैसे हुई?
सबसे पहले 1975 में वामपंथ विरोधी पश्चिमी देश अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, वेस्ट जर्मनी और जापान एक मंच आए. शरुआत में ये 6 देश थे, 1976 में कनाडा के शामिल होने से ये G-7 हो गए.


G7 की पहली बैठक में सऊदी अरब की ओर से शुरू की गई ऑयल क्राइसिस से निपटने के लिए योजना बनाई गई थी.



G7 के सदस्य देशों का मकसद अपने हितों से जुड़े अर्थव्यवस्था के मुद्दों पर एक साथ बैठकर चर्चा करना होता है. ये देश दुनिया की राजनीति और अर्थव्यवस्था से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा करते हैं.



G7 ने पहली बार 2003 में भारत को अपनी बैठक में शामिल होने का न्योता भेजा था. इसके लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी फ्रांस गए थे.



G7 का सदस्य नहीं होने के बावजूद भारत इसकी बैठकों में शामिल होता रहा है. और, ऐसा तब होता है जब हमें वहां आमंत्रित किया जाता है.



G7 की मीटिंग इस बार जापान के हिरोशिमा में हो रही है. भारतीय PM मोदी 19 मई को वहां पहुंचे और आज वहां G7 के सदस्य देशों के नेताओं से मिल रहे हैं.