घर में मंदिर का मुख किस दिशा में होना चाहिए



घर में मंदिर पूर्व या उत्तर दिशा के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में बनाना चाहिए.



वास्तु के हिसाब से ईश्वरीय शक्ति ईशान कोण से प्रवेश करती है.



नैऋत्य कोण (पश्चिम-दक्षिण) से बाहर निकलती है.



अगर ये संभव न हो तो पश्चिम दिशा में बनवा सकते हैं, लेकिन दक्षिण दिशा में मंदिर बनवाने से बचना चाहिए.



मंदिर अगर उत्तर दिशा में हो तो धन और सफलता लाता है.



दक्षिण दिशा स्वास्थ्य और लंबी आयु की दिशा है.



वास्तु शास्त्र की मानें तो घर में मंदिर रखा जाए तो यह घर और घरवालों के लिए सुख-शांति और समृद्धि लाता है.



पॉजिटिव एनर्जी के लिए घर में वास्तु के अनुसार एक पूजा कक्ष बनाया जाना चाहिए.