खाते में पैसे न होने पर चेक देने से
चेक बाउंस हो जाता है
चेक बाउंस होने पर पेनाल्टी के तौर पर
अकाउंट से पैसे काटे जाते हैं
चेक जारी करने वाले व्यक्ति को
जुर्माना भरना पड़ता है
अगर व्यक्ति एक महीने के अंदर
लेनदार को भुगतान नहीं करता है
तो लेनदार चेक देने वाले व्यक्ति को
लीगल नोटिस भेज सकता है
अगर नोटिस के 15 दिनों के भीतर
देनदार कोई जवाब न दे
इसके बाद लेनदार मजिस्ट्रेट की अदालत में
शिकायत दर्ज करा सकता है
अगर इसके बाद भी उसे रकम न मिले तो
वो देनदार पर केस कर सकता है
निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट 1881 की
धारा 138 के तहत केस किया जाता है
दोषी पाए जाने पर जुर्माना या दो साल की
सजा या दोनों का प्रावधान है
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