प्रभु श्री राम ने लंका जाने के लिए एक बड़ी वानर सेना बनाई.



इस वानर सेना में ऐसे दो वानर थे जिन्होंने लंका जाने का रास्ता आसान किया.



इन दो वानर का नाम था नल और नील. इनको इंजीनियर कहा जाता है.



नल और नील रामायण काल के बड़े इंजीनियर थे.



उन्होंने पूरी जांच करने के बाद लंका जाने के लिए समुद्र पर पत्थर बिछाएं.



पत्थर बिछाकर रामसेतु का निर्माण किया.



धार्मिक ग्रंथों के अनुसार नल और नील को ऋषियों ने श्राप प्राप्त था.



नल और नील जिस चीज को छुएंगे वह पानी में नहीं डूबेगी.



नील वानर सेना में सेनापति और इंजीनियर था, और नल वानरों के वास्तुकार .



प्रभु श्री राम ने इस रामसेतु का नाम नल सेतु रखा था.