अकबर एक महान शासक था

उसने पूरे उत्तर भारत पर अपना अधिकार जमा चुका था

इसके बाद वह दक्षिण भारत पर अधिकार जमाना चाहता था

अकबर मालवा, गुजरात को जीत चुका था

दक्षिण के खानदेश और अहमदनगर की सीमाएं इन राज्यों से लगी हुई थी

अकबर की चाहत थी कि मुगल साम्राज्य को छूने वाले इन राज्यों को विजय कर लिया जाए

अकबर सबको अपने साम्राज्य में मिलाने वाले नीति का पालन करता था

दक्षिण के तीनों बहमनी राज्य और खानदेश हमेशा संघर्ष के चलते कमजोर हो गए थे

खानदेश के राजा अली खान ने अकबर की अधिनता कबूल कर ली और वार्षिक कर देना स्वीकार कर लिया

लेकिन तीन राज्यों के शासकों ने अकबर के प्रस्ताव को ठुकरा दिया

इसके बाद अकबर ने खानखाना और अपने पुत्र मुराद को 1593 में अहमदनगर को जीतने के लिए रवाना कर दिया