स्पेस में Astronaut की मृत्यु के बाद डेड बॉडी का क्या होता है! 99% लोगों को नहीं है पता
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स्पेस में Astronaut की मृत्यु के बाद डेड बॉडी का क्या होता है! 99% लोगों को नहीं है पता

Published by: एबीपी टेक डेस्क
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अंतरिक्ष मिशनों में अत्यधिक सुरक्षा उपायों के बावजूद किसी अंतरिक्ष यात्री की मृत्यु हो सकती है जैसे स्वास्थ्य समस्या, तकनीकी खराबी या दुर्घटना के कारण.
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अंतरिक्ष मिशनों में अत्यधिक सुरक्षा उपायों के बावजूद किसी अंतरिक्ष यात्री की मृत्यु हो सकती है जैसे स्वास्थ्य समस्या, तकनीकी खराबी या दुर्घटना के कारण.

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अगर किसी अंतरिक्ष यात्री की मृत्यु हो जाती है, तो बॉडी को सुरक्षित रखने के लिए उसे स्पेसक्राफ्ट में एक विशेष बैग (Body Bag) में रखा जाता है ताकि वह डिकम्पोज न हो.
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अगर किसी अंतरिक्ष यात्री की मृत्यु हो जाती है, तो बॉडी को सुरक्षित रखने के लिए उसे स्पेसक्राफ्ट में एक विशेष बैग (Body Bag) में रखा जाता है ताकि वह डिकम्पोज न हो.

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अगर मिशन लंबा है, जैसे चंद्रमा या मंगल मिशन, तो मृत शरीर को तुरंत पृथ्वी पर नहीं लाया जा सकता और उसे स्पेसक्राफ्ट में लंबे समय तक सुरक्षित रखना पड़ता है.
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अगर मिशन लंबा है, जैसे चंद्रमा या मंगल मिशन, तो मृत शरीर को तुरंत पृथ्वी पर नहीं लाया जा सकता और उसे स्पेसक्राफ्ट में लंबे समय तक सुरक्षित रखना पड़ता है.

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कुछ मामलों में, बॉडी को अत्यधिक ठंडे तापमान (क्रायोजेनिक फ्रीजिंग) में रखा जा सकता है ताकि वह खराब न हो और सुरक्षित अवस्था में रहे.

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वैज्ञानिकों के पास एक विकल्प यह भी है कि डेड बॉडी को स्पेस में बहने के लिए छोड़ दिया जाए लेकिन यह पर्यावरणीय और नैतिक दृष्टिकोण से उचित नहीं माना जाता.

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अगर मिशन पृथ्वी की कक्षा में है, जैसे ISS (International Space Station), तो मृत शरीर को पृथ्वी पर लौटाने के लिए कार्गो स्पेसक्राफ्ट या अन्य वाहन का उपयोग किया जा सकता है.

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कुछ वैज्ञानिकों ने यह सुझाव दिया है कि भविष्य में अंतरिक्ष में किसी स्पेशल कैमरा और लेजर सिस्टम से शव को जलाने (Space Cremation) की तकनीक विकसित की जा सकती है.

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भविष्य में मंगल मिशनों में अगर कोई मृत्यु होती है तो बॉडी को मंगल ग्रह पर ही संरक्षित करने के लिए स्पेशल तकनीकों का इस्तेमाल किया जा सकता है.

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