WiFi राउटर इंटरनेट सेवा प्रदाता (ISP) से आने वाले केबल या फाइबर कनेक्शन को प्राप्त करता है और इसे एक वायरलेस सिग्नल में बदलता है.

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राउटर डेटा को छोटे-छोटे पैकेट्स में विभाजित करके उसे वायर्ड या वायरलेस तरीके से डिवाइस तक पहुंचाता है, जैसे मोबाइल, लैपटॉप, टीवी आदि.

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WiFi राउटर मुख्य रूप से 2.4 GHz और 5 GHz बैंड का उपयोग करता है, जो वायर्ड सिग्नल को रेडियो सिग्नल में बदलता है.

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राउटर के एंटेना वायरलेस सिग्नल को विभिन्न दिशाओं में प्रसारित करते हैं, जिससे कई डिवाइस एक ही समय में कनेक्ट हो पाते हैं.

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राउटर प्रत्येक कनेक्टेड डिवाइस को एक विशिष्ट IP एड्रेस प्रदान करता है ताकि डिवाइस को पहचानकर सही डेटा भेजा जा सके.

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NAT (Network Address Translation)

यह तकनीक राउटर को एक ही पब्लिक IP के साथ कई डिवाइसों को इंटरनेट से कनेक्ट करने की अनुमति देती है.

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DHCP (Dynamic Host Configuration Protocol)

DHCP के माध्यम से राउटर अपने नेटवर्क में जुड़ने वाले प्रत्येक डिवाइस को अपने आप IP एड्रेस असाइन करता है.

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राउटर में फायरवॉल होता है, जो अनचाहे नेटवर्क ट्रैफिक को फिल्टर करता है और बाहरी खतरों से सुरक्षा प्रदान करता है.

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WiFi राउटर विभिन्न वायरलेस मानकों (802.11a/b/g/n/ac/ax) का उपयोग करता है, जो डिवाइस की स्पीड और कनेक्टिविटी को प्रभावित करते हैं.

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राउटर के सेटिंग पेज या ऐप के माध्यम से उपयोगकर्ता पासवर्ड, गेस्ट नेटवर्क, पैरेंटल कंट्रोल आदि को नियंत्रित कर सकते हैं.

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