शनि देव का वाहन कौआ है. लेकिन केवल कौआ ही नहीं शनि देव इसके साथ ही कई अन्य पशु-पक्षी की सवारी करते हैं.

शनि देव का गधे पर सवार होना अशुभ होता है. इससे कुंडली में शुभ फलों में कमी आती है.

शनि देव का हाथी पर सवार होना अशुभ होता है. इससे व्यक्ति को संभलकर रहने की जरूरत होती है.

शनि देव का हंस पर सवार होना व्यक्ति के जीवन में शुभता और भाग्योदय का प्रतीक माना गया है.

शनि देव का कुत्ते पर सवार होना अशुभ होता है. इससे व्यक्ति को आर्थिक नुकसान और शारीरिक कठिनाईंया झेलनी पड़ती है.

शनि देव का वाहन जब मोर होता है तो भाग्य के सहयोग के व्यक्ति के सभी काम सफल होते हैं.

किसी व्यक्ति की कुंडली राशि में शनि का सियार पर सवार होने का अर्थ है कि उसे दूसरों पर आश्रित होकर जीना पड़ेगा.

सिंह भी शनि देव का वाहन है. शनि जब सिंह पर सवार होते हैं तो शत्रुओं का नाश होता है.

घोड़ा भी शनि देव का वाहन है. जब शनि देव घोड़े पर सवार होते हैं तो व्यक्ति सभी लक्ष्यों को प्राप्त करता है.