पेट्रोल पंप पर गाड़ी व बाइक में फ्यूल भरवाने वालों को आजकल ठगी का शिकार भी होना पड़ रहा है मीटर में जीरो देखने के बाद लोग सोचते हैं कि पेट्रोल सही भरा गया है

इसी मीटर से ठगी का खेल होता है मीटर के अंदर डिस्प्ले होती है जिसपर नजर रखना जरूरी है

स्क्रीन मीटर पर डेंसिटी होती है जो फ्यूल की शुद्धता को बताती है

पेट्रोल की डेंसिटी 730 से 800 किलोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर होती है

डीजल की 830 से 900 किलोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर होती है

इसमें थोड़ा सा भी ऊपर नीचे होने पर मिलावट का पता लगा सकते हैं

जब मीटर 0 से सीधा 5-6 रुपये पर चला जाता है तो बीच का 2-3-4 दिखाई नहीं देता जबकि मीटर जीरो से स्टार्ट होने के बाद 1-2-3 रुपये के अनुसार बढ़ना चाहिए

पेट्रोल या डीजल डालने वाले नोजल पर भी नजर रखना जरुरी है

नोजल ऑटो कट होने के बजाय मैनुअल होने पर कर्मचारी बीच में रोककर प्रेशर कम कर सकता है पेट्रोल या डीजल की मात्रा पर इसका असर होता है

इसकी शिकायत टोल फ्री नंबर 18002333555 पर कर सकते हैं

गड़बड़ी पाए जाने पर पेट्रोल पंप का लाइसेंस रद्द भी हो जाता है