गर्मियों में ठंडी‑ठंडी लस्सी का आनंद हर किसी को भाता है



बठिंडा की सिरकी बाजार स्थित जग्गी की लस्सी को शहर में नाम है स्वाद के लिए



करीब 70 साल पुरानी इस दुकान पर मिलने वाली लस्सी का स्वाद आज भी वही है



बुज़ुर्ग बताते हैं कि लस्सी का स्वाद बदलने की कोई निशानी नहीं मिली



जग्गी की दुकान का नाम अब स्वाद के दीवानों में पहचान बन चुका है



बठिंडा ही नहीं, बाहर से भी लोग इस लस्सी के स्वाद के लिए आते हैं



दुकान की शुरुआत 1952 में जीवनदास, पन्नू लाल और राम लाल ने की थी



उस समय किराया सिर्फ़ 13 रुपये था आज भी स्वाद में वही पुरानी ख़ुशबू बरकरार है



पहले सिर्फ मीठी‑ठंडी नमकीन लस्सी मिलती थी, अब दही और कढ़ाई का दूध भी दिया जाता है



जग्गी खुद लस्सी बनाते हैं, और यही कारण है कि स्वाद में कोई बदलाव नहीं आया.