तराइन युद्ध से पहले मोहम्मद गौरी ने अपने सैनिकों को भारत भेजा

उसके सैनिक बठिंडा के प्रमुख किले को जब्त करने के लिए आगे बढ़े

बठिंडा की हार ने दिल्ली सेना को उकसाया

पृथ्वीराज चौहान को गोरी से खतरा महसूस हुआ

तब उन्होंने राजपूत राजाओं से मदद मांगी

उन्होंने राजाओं को खत लिखकर मदद की अपील की

इसके बाद उन्होंने गोरी के खिलाफ युद्ध में अपनी सेना का नेतृत्व किया

ये युद्ध मुहम्मद गोरी और पृथ्वीराज चौहान और उसके सहयोगियों के बीच लड़ा गया

तराइन का प्रथम युद्ध 1191 में लड़ा गया

जिसमें पृथ्वीराज चौहान और राजपूत सेनाओं की जीत हुई थी