इस साल पितृपक्ष 29 सितंबर 2023 से शुरू होंगे और इसका समापन 14 अक्टूबर को होगा.

श्राद्ध के लिए सालभर में 96 अवसर मिलते हैं लेकिन पितपृक्ष ही क्यों खास माने जाते हैं ? आइए जानते हैं

मान्यता अनुसार सूर्य के कन्या राशि में आने पर पितर परलोक से कुछ वक्त के लिए पृथ्वी पर आते हैं.

कहते हैं साल 15 दिनों के लिए यमराज पितरों की आत्मा को मुक्त करते हैं ताकि परिजनों से श्राद्ध ग्रहण कर सकें.

हर साल भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा से आश्विन कृष्ण अमावस्या तक के काल को पितृपक्ष कहा जाता है.

पितृपक्ष में किया गया श्राद्ध पूर्वजों की आत्मा को सालभर के लिए शक्ति प्रदान करता है.

तर्पण के जरिए पितरों की आत्मा को पानी और श्राद्ध, पिंडदान से उन्हें भोजन प्राप्त होता है.

पितृपक्ष में मृत्यु तिथि पर श्राद्ध करने से पूर्वज बहुत प्रसन्न होते हैं. इससे पितृदोष भी दूर होता है.