29 सितंबर 2023 से पितृपक्ष शुरू हो रहा है, जोकि 14 अक्टूबर तक चलेंगे.

पितृपक्ष में पितरों के निमित्त पिंडदान करने की परंपरा है.

पिंडदान से मृतक की आत्मा दुखों से मुक्ति होती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है.

पितरों के पिंडदान के लिए बिहार के गया जी को सबसे महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है.

लेकिन इसी के साथ भारत में अन्य प्रमुख स्थान भी हैं, जहां आप पिंडदान कर सकते हैं.

वाराणसी: गंगा घाट पर पिंडदान समारोह आयोजित करने की प्रथा काफी पुरानी है.

बद्रीनाथ: अलकनंदा तट पर स्थित ब्रह्म कपाल घाट को पिंडदान के लिए शुभ माना जाता है.

पुष्कर: यहां के झील और स्थान मंच के चारों ओर 52 घाट हैं, जहां पिंडदान किए जाते हैं.

अयोध्या: यहां पवित्र सरयू नदी के तट पर भात कुंड है, जहां पिंडदान समारोह होते हैं.