नोबेल पुरस्कार की शुरूआत 1901 में हुई थी

तब से ही शांति के लिए नोबेल पुरस्कार का सिलसिला भी चल रहा है

महात्मा गांधी को आधुनिक युग का शांति का दूत माना जाता है

महात्मा गांधी को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए पांच बार नॉमिनेट किया गया

लेकिन उन्हें कभी शांति का नोबेल पुरस्कार नहीं मिला

नोबेल कमेटी की तरफ से इस पर कोई जवाब नहीं दिया गया

हालांकि, कहा जाता है कि ऐसा ब्रिटिश सरकार के दबाव में हुआ था

नोबेल कमेटी के एक सलाहकार जैकब वारमुलर ने इस पर टिप्पणी लिखी थी

उनके मुताबिक, अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ गांधी का अहिंसक प्रदर्शन कभी भी हिंसक रूप ले सकता था

दक्षिण अफ़्रीका में उन्होंने अश्वेतों के लिए कुछ नहीं किया