भगवान श्री गणेश को प्रसाद में मोदक चढ़ाने के कई कारण हैं. जानें

मोद का अर्थ है खुशी या प्रसन्नता. और भगवान गणेश हमेशा खुश रहते हैं. भक्तों पर कष्ट नहीं आने देते.

भगवान को विघ्नहर्ता के नाम से भी जाना जाता है. भक्त गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए मोदक अर्पित करते हैं.

पौराणिक कथा के अनुसार किसी कारण गणेश जी का एक दांत टूट जाने के उन्हें खाना चबाने में काफी परेशानी होती है.

इस कारण उनके लिए मोदक बनाए जाते हैं. मुलायम होने के कारण वे आसानी से खा लेते हैं. तब से उन्हें ये प्रिय हैं.

माता अनुसुइया ने गणेश जी को खाना खिलाया, लेकिन उनका पेट ही नहीं भर रहा था. तब उन्हें आखिर में मोदक दिया.

मोदक खाते ही गणेश जी का पेट भरकर और उन्होंने तेज की डकार ली. तब से गणेश जी का प्रिय भोग हो गया.

मान्यता है कि 21 मोदक का भोग लगाने से सभी देवी-देवताओं का पेट भर जाता है. इसलिए मोदक का भोग लगाते हैं.

मान्यता है कि देवताओं ने एक दिव्य मोदक माता पार्वती को दिया था, जिसे देख गणेश जी को मोदक की

जब उन्होंने माता पार्वती से लेकर वो मोदक खाया तो उन्हें बेहद पसंद आया.तब से गणेश जी को मोदक प्रिय है.