क्या आप जानते हैं कि भारत में चलने वाले 100 रुपए के नोट पर रानी की वाव बनी हुई है.
अब आप सोच रहे होंगे की रानी की वाव क्या होता है? आइये आपको बताते हैं….
100 रुपये के नोट में कई तस्वीरें बनी हुई हैं, जैसे महात्मा गांधी, अशोक स्तंभ और न जाने क्या क्या, लेकिन इसपर रानी की वाव बनी है.
नोट के पिछले हिस्से में एक तस्वीर बनी है, जिस पर लिखा है ‘रानी की वाव’. गुजरात के पाटन जिले में स्थित एक प्रसिद्ध बावड़ी है, जिसे रानी की वाव कहा जाता है.
यूनेस्को ने इसे साल 2014 में विश्व विरासत यानी की वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल किया है. रिपोर्ट के मुताबिक, ये वाव सरस्वती नदी से जुड़ी हुई है, जो ग्यारहवीं सदी के एक राजा की याद में बनाई गई है.
यूनेस्को के मुताबिक, रानी की वाव इसलिए खास है क्योंकि इस तरह के सीढ़ीदार कुएं का तीसरी शताब्दी से निर्माण करवाया जा रहा है, जो भूमिगत जल संसाधन के लिए प्रसिद्ध है.
इस सात मंजिला रानी की वाव का निर्माण राजस्थान की मारू और गुजरात गुर्जर शैली से किया गया है. वाव में इन दोनों शैलियों को जटिलता से दर्शाई गया है.
इस वाव को औंधे मंदिर के रूप में डिजाइन किया गया है, जो जल की पवित्रता और उसके महत्व को समझाता है.
रानी की वाव में दीवारों पर नक्काशियां की गई हैं. वाव सात तलों में डिवाइड की गई है, जिसमें धार्मिक, पौराणिक और धर्मनिरपेक्ष चित्रों की 500 से ज्यादा बड़ी मूर्तियां हैं और 1 हजार से ज्यादा छोटी मूर्तियां है.
रानी की वाव में ज्यादातर नक्काशियां राम, वामन, कल्कि और महिषासुरमर्दिनी जैसे अलग अलग रूपों में भगवान विष्णु को समर्पित है. वाव का चौथा तल सबसे गहरा है, जो आयताकार टैंक तक जाता है, जो 23 मीटर गहरा है.