सफेद घोड़े का घाव भरेगा और शुरू होगा कलियुग का अंत

Published by: एबीपी न्यूज़ डेस्क
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हिंदू पुराणों के अनुसार कलियुग का अंत एक सफेद घोड़े से जुड़ा है, जिस पर भगवान कल्कि बैठकर आएंगे. जिस दिन इस घोड़े के पैर का घाव भरेगा तभी कलियुग का अंत शुरू हो जाएगा. आइए जानते हैं अभी ये घोड़ा कहां है

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साल 1734 में महाराज सवाई जय सिंह ने जयपुर में भगवान कल्कि का एक मंदिर बनवाया था.

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इसके बाद साल 1739 में राजा जय सिंह ने मंदिर में अश्वमेध यज्ञ करने के बाद एक सफेद संगमरमर के घोड़े की मूर्ति स्थापित की थी.

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मंदिर में स्थित इस घोड़े का नाम देवव्रत है, जिसे भगवान कल्कि का घोड़ा कहा जाता है. इस घोड़े के दाहिने तरफ के पिछले वाले पांव में जख्म की तरह दिखने वाला एक गड्डा बना हुआ है.

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श्रद्धालुओं का मानना है कि वक्त के साथ घोड़े के पैर का ये घाव भरता जा रहा है. इसकी चौड़ाई कम होती जा रही है.

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मान्यता के अनुसार जब इस घोड़े के पैर का घाव भर जाएगा, उस दिन कलियुग का अंत होगा और इसके साथ ही भगवान कल्कि अवतार लेगें.

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महाराज जय सिंह ने नए जयपुर की सुरक्षा की कामना करने के लिए ये यज्ञ करवाया था. इस यज्ञ में आए ज्योतिषाचार्यों की सलाह पर महाराज ने भगवान कल्कि का मंदिर बनवाया था.

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भारतीय वैदिक सभ्यता को मानने वाले ज्योतिषों के मुताबिक कलियुग 4 लाख 32 हजार साल बाद खत्म होगा, जिसमें से अभी सिर्फ 5121 साल ही बीते हैं.

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इस कल्कि मंदिर को लेकर लोगों का कहना है कि कलियुग के अंत में भगवान कल्कि अपने देवव्रत नाम के सफेद घोड़े पर सवार होंगे और पूरे जयपुर का भ्रमण कर विश्व विजय पर निकलेंगे.

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