ईसाई धर्म दुनिया में सबसे ज्यादा माना जाने वाला धर्म है, दुनिया में करीब 220 करोड़ ईसाई हैं और भारत में इनकी संख्या लगभग 3 करोड़ है



आइए जानते हैं कि भारत में ईसाई धर्म कैसे पहुंचा



द एक्टस् ऑफ थॉमस, किताब के मुताबिक, ईसा मसीह के शिष्य सेंट थॉमस ही भारत में ईसाई धर्म को लेकर आए थे. उन्हें थॉमस द अपॉस्टल के नाम से भी जाना जाता है



किताब के मुताबिक, सेंट थॉमस ईसाई धर्म का प्रचार करने के लिए केरल गए, जहां उन्होंने कई लोगों को ईसाई धर्म में दीक्षित किया



इस समूह को सेंट थॉमस क्रिश्चियन कहा गया. इस समूह के लोग आज भी भारत में मौजूद हैं. माना जाता है कि सेंट थॉमस की मृत्यु चेन्नई में हुई थी और जहां उन्हें दफनाया गया वहां एक चर्च बनाई गई



इंडियन एक्सप्रेस आर्टिकल के मुताबिक, ईसाई धर्म में हिंदुओं की तरह मंगलसूत्र पहनना और अन्नप्राशन संस्कार जैसे रीतिरिवाज थे और हिंदुओं ने ईसाइयों को खुले दिल से स्वीकार किया



शुरुआत में ईसाई धर्म भी तीन भागों में बंटा हुआ था ऊंची जाति के ईसाई, पर्शियाई ईसाई और छोटी जाति के ईसाई



मुगल बादशाह अकबर के शासल में साल 1595 में लाहौर में सबसे पहला चर्च बनवाया गया. उस वक्त लाहौर भारत का हिस्सा हुआ करता था



इसके बाद आगरा में चर्च बनाया गया जिसे अकबर चर्च के नाम से जाना जाता था



आगरा में पहली बार ईस्टर और गुड फ्राइडे मनाया गया. इसमें अकबर भी शामिल हुआ करते थे



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