वेदों के अनुसार हिंदू धर्म में चार युग सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलियुग के बारे में बताया गया है.
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वेदों के अनुसार हिंदू धर्म में चार युग सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलियुग के बारे में बताया गया है.



इसमें सतयुग लगभग 17 लाख 28 हजार वर्ष पुराना, त्रेतायुग 12 लाख 96 हजार वर्ष,
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इसमें सतयुग लगभग 17 लाख 28 हजार वर्ष पुराना, त्रेतायुग 12 लाख 96 हजार वर्ष,



द्वापरयुग 8 लाख 64 हजार वर्ष और कलियुग को 4 लाख 32 हजार वर्ष का बताया गया है.
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द्वापरयुग 8 लाख 64 हजार वर्ष और कलियुग को 4 लाख 32 हजार वर्ष का बताया गया है.



भगवान राम का काल त्रेतायुग का था और श्रीकृष्ण द्वापरयुग में जन्मे थे.
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भगवान राम का काल त्रेतायुग का था और श्रीकृष्ण द्वापरयुग में जन्मे थे.



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वर्तमान में कलियुग चल रहा है.



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विद्वानों की माने तो कलियुग के 4 लाख 32 हजार मानव वर्ष में अभी कुछ ही हजार वर्ष बीते हैं.



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अगर कलियुग समय की आधुनिक गणना की जाए तो इसकी शुरुआत 3,102 ईसा पूर्व हुई थी.



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जब मंगल, बुध, शुक्र, बृहस्पति और शनि पांच ग्रह मेष राशि पर 0 डिग्री पर थे.



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इसके अनुसार अबतक कलियुग के 3102+2023= 5125 साल बीत चुके हैं.



इस तरह से कलियुग के 4,32.000 साल में 5,125 को घटाने पर 4,26,875 वर्ष शेष रहते हैं.



यानी अभी कलियुग खत्म होने में 4,26,875 वर्ष बाकी है.



वर्तमान समय को कलियुग का प्रथम चरण कहा जाता है.