अफगानिस्तान में हिंदुओं और सिखों पर अत्याचार आम बात है

यहां तालिबान का शासन आने के बाद मुश्किलें बढ़ी हैं

यहां महिलाओं को जबरन हिजाब पहनना पड़ता है

अत्याचारों से तंग आकर हिंदू पलायन करने को मजबूर हैं

इस वजह से हिंदुओं-सिखों की संख्या में काफी गिरावट आई है

यहां तीन दशक पहले तक लगभग 2.2 लाख हिंदू-सिख रहते थे

70 के दशक में तो यह आंकड़ा करीब सात लाख था

2021 की शुरुआत में यहां 400 हिंदू-सिख बचे थे

तालिबान के आने के बाद यह आंकड़ा और कम रह गया

आए दिन होने वाले अत्याचारों से दोनों समुदाय पलायन कर गए