संत डोंगरे जी महाराज का जन्म मध्यप्रदेश के इंदौर में हुआ.



संत डोंगरे जी गुजरात के वडोदरा में बड़े हुए.



संत डोंगरे जी एक कुशल कथाकार थे. उनकी वाणी सुनकर लोग भाव विभोर हो जाते थे.



संत डोंगरे जी की तुलना शुकदेव से की जाती है, उनका जीवन उनकी ही तरह निस्वार्थ था.



उन्होंने कभी भी दक्षिणा नहीं ली. कोई ट्रस्ट नहीं बनाया, कोई खाता नहीं खोला.



उन्होंने किसी को अपना गुरु नहीं बनाया और ना किसी को शिष्य.



संत डोंगरे जी का जन्म 1926 में हुआ था, उन्होंने धर्म संबंधि ज्ञान, वेद-पुराण का ज्ञान लिया.



सन् 1991 में गुजरात में उन्होंने अंतिम सांस ली और ब्रह्मलीन हो गए.