हरतालिका तीज 18 सितंबर 2023 को है. इसके अगले दिन से गणपति उत्सव शुरू हो जाता है.

हरतालिका तीज व्रत में शिव परिवार की विधि विधान से पूजा करने पर पति की लंबी आयु और खुशहाली का वरदान मिलता है.

हरतालिका तीज में फुलेरा का विशेष महत्व है, मान्यता है इसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है.

जहां शिवलिंग होता है वहां जलाधारी जरुरी होती है लेकिन हरतालिका तीज व्रत की पूजा में जलाधारी की जगह फुलेरा बांधा जाता है.

फुलेरा यानी फूलों से बनी माला का मंडप. इसके नीचे ही मिट्‌टी के शिव-पार्वती की स्थापना कर पूजा करने का विधान है.

फुलेरा में 5 मालाएं होनी चाहिए. पौराणिक मान्यता अनुसार ये पांचों मालाएं शिव जी की पांच पुत्रियों का प्रतीक होती हैं.

फुलेरा की 5 मालाएं शिव की पांच नाग कन्या जया, विषहरा, शामिलबारी, देव और दोतली का प्रतीक हैं.

मान्यता है फुलेरा बांधकर पूजा करने से पार्वती जी बहुत प्रसन्न होती हैं और व्रती को सदा सुहागवती रहने का आशीर्वाद प्राप्त होता है.