श्री राम के परम भक्त हनुमान की महिमा कौन नहीं जानता,



विवेक, ज्ञान और आठ सिद्धियों से युक्त विद्या



आखिर उन्हें किनसे प्राप्त हुई आइए जानते हैं.



बिना गुरु के संसार में कोई नहीं आगे बढ़ सका है.



माता-पिता और गुरु ये तीन शास्त्रों में वंदनीय बताए गए हैं.



हनुमान जी का इन तीनों के प्रति निस्वार्थ समर्पण रहा है.



हनुमान जी को ज्ञान गुण सागर कहते हैं.



शास्त्रों में हनुमान जी के गुरु सूर्य भगवान को बताया गया हैं.



मान्यता है कि हनुमान जी ने संपूर्ण वेद की शिक्षा अपने गुरु सूर्य देव से प्राप्त की है.



सूर्य देव ज्ञान और ऊर्जा दोनों के कारक श्रोत हैं,



और गुरु का गुण शिष्य में अवश्य होता है.



हनुमान जी में गुरु भक्ति, प्रभु राम में अटूट आस्था



और भक्तों की रक्षा के लेए सदैव तत्पर रहना.



ये सभी गुण उनकों वंदनीय बनाते हैं.