भगवान हनुमान के शिव के 11 वें रुद्रावतार हैं. उन्हें अजर अमर कहा जाता है.

कहा जाता है कि हनुमान जी भी सशरीर आज भी धरती पर मौदूज हैं.

भगवान राम ने हनुमान जी को पृथ्वी पर सदा अमर रहने का वरदान दिया था.

हनुमान जी समेत हिंदू धर्म में ऐसे कई चिरंजीवी हैं जिन्हें अमर होने का वरदान मिला है.

परशुराम: भगवान विष्णु के छवे अवतार भगवान परशुराम को भी अमरत्व का वरदान प्राप्त था.

विभीषण: रावण के छोटे भाई विभीषण को भगवान श्रीराम ने लंका नरेश बनने और अजर अमर होने का वरदान दिया था.

ऋषि मार्कण्डेय: परम शिव भक्त ऋषि मार्कण्डेय शिवजी की तपस्या और महामृत्युंजय मंत्र की सिद्धि से चिरंजीवी बन गए. इन्हें शिवजी के अमरत्व का वरदान मिला.

महर्षि वेद व्यास: धार्मिक ग्रंथों के रचयिता महर्षि वेद व्यास जी को लेकर कहा जाता है कि वह धरती पर कलिकाल तक जीवित रहेंगे.

अश्वत्थामा: कौरवों के सेनापति और द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा को श्रीकृष्ण द्वारा धरती पर अनंतकाल तक भटकने का श्राप मिला था.

कृपाचार्य: कौरवों और पांडवों के गुरु कृपाचार्य को सुकर्मों के कारण अमरत्व का वरदान मिला था.