भारतीय रेल दुनिया चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है

ऐसे में ट्रेनों के एसी कोच में यात्रियों को चादर दी जाती है

क्योंकि सफेद चादर जल्दी गंदे होते हैं और उनके गंदे होने का पता भी चल जाता है

हर दिन कई हजार चादर और तकिये के कवर का भी इस्तेमाल होता है

चादरों को धोने के लिए मैकेनाइज्ड लांड्री का इस्तेमाल किया जाता है

इसमें बड़े-बड़े बॉयलर लगे होते हैं

पानी को 121 डिग्री सेल्सियस पर स्टीम किया जाता है

हालांकि इस तापमान पर कोई चीज यदी 30 मिनट डाल दे

चादरों से कीटाणु मुक्त हो जाते हैं और अच्छी तरह से साफ हो जाता है

अगर कोई अन्य रंग का चादर डाला जाए तो उसका रंग उड़ जाएगा

इसीलिए रेलवे पैसेंजर्स को सफेद चादर का दिया जाता है.