धूमकेतु गैस, बर्फ और तमाम तरह के कणों से मिलकर बना एक पिंड होता है

यह पिंड सदियों तक सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाता है

ये पिंड धरती से तारों के बीच हरे रंग का दिखाई देता है

यह पिंड सदियों तक सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाता है

चक्कर लगाते लगाते इनके पीछे एक पूंछ जैसी आकृति बन जाती है

जैसे जैसे ये सूर्य के नजदीक पहुंचते हैं इनकी पूंछ बड़ी होती जाती है

ये पूछ ज्यादातर सफेद रंग की दिखाई देती है

लेकिन कई बार इसका रंग हरा और लाल भी हो जाता है

हरे रंग का धूमकेतु धरती से जल्दी नजर नहीं आता है

जब ये सूर्य के सबसे नजदीक होते है, तब ये ज्यादा नजर आते हैं