सूरज की बाहरी लेयर को कोरोना करते हैं

इसी कोरोना से बचते हुए इलेक्ट्रॉन,प्रोटॉन समेत अन्य वस्तु बाहर निकल कर अंतरिक्ष में जाते हैं

इसके अलावा सूरज की बाहरी लेयर से कोरोना से निकलने वाली गैसें और मैग्नेटिक फील्ड से अनियंत्रित होने लगती हैं

एक बड़े कोरोनल मास इजेक्शन के कारण होने वाले विस्फोट में अरबों टन पदार्थ होते हैं

यह तब मुसीबत बन जाते हैं जब ये पृथ्वी की ओर आने लगते हैं

कोरोनल मास इजेक्शन 3,000 किलोमीटर प्रति सेकंड की स्पीड से यात्रा करते हैं

हालांकि 15 से 18 घंटे में पृथ्वी से टकरा जाती है

ऐसे हालात बनने पर सूरज से आने वाले तूफान को सौर तूफान कहते हैं

धरती पर सौर तूफान का असर 1859 में देखा गया था

इसे कैरिंगटन घटना के नाम से भी जाना गया