तलाक लेने के मामले में ये मुस्लिम सबसे आगे

मुस्लिम समुदाय में तलाक के मामलों की संख्या अधिक होने के कई कारण हैं

पारंपरिक रूप से, तलाक की प्रक्रिया इस्लामिक कानून के तहत सरल और त्वरित होती है

हालांकि यह भी देखा गया है कि तलाक के मामलों में वृद्धि का एक कारण सामाजिक और आर्थिक दबाव हो सकता है

इस्लाम में तलाक को एक अंतिम उपाय माना गया है

जब पति-पत्नी के बीच सुलह की सभी कोशिशें विफल हो जाती हैं

तलाक के विभिन्न प्रकार होते हैं, जैसे तलाक-ए-अहसन, तलाक-ए-हसन और तलाक-ए-बिद्दत

हालांकि, हाल के वर्षों में ट्रिपल तलाक पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानून बनाए गए हैं

जिससे महिलाओं को अधिक सुरक्षा और अधिकार मिले हैं

यह कानून मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जाता है