नेटिव मैरिज एक्ट क्या है?

Published by: एबीपी लाइव
Image Source: pexels

नेटिव मैरिज एक्ट, जिसे भारतीय ईसाई विवाह अधिनियम, 1872 के नाम से भी जाना जाता है

Image Source: pexels

यह एक ऐसा कानून है, जो ईसाई धर्म के मानने वालों के लिए विवाह की वैधता और प्रक्रिया को तय करता है

Image Source: pexels

यह बाल विवाह पर प्रतिबंध लगाने के लिए साल 1872 में नेटिव मैरिज एक्ट पारित किया गया था

Image Source: pexels

इस एक्ट में 14 साल से कम उम्र की लड़कियों के विवाह को रोक दिया गया था

Image Source: pexels

इसे वायसराय लॉर्ड नार्थब्रुक (1872-1876) के कार्यकाल के दौरान लागू किया गया था

Image Source: pexels

वहीं अधिनियम के अनुसार, अगर शादी करने वाले लड़का या लड़की में से कम से कम एक ईसाई है, तो विवाह वैध माना जाता है

Image Source: pexels

इस अधिनियम ने विशेष रूप से ईसाई विवाहों को संवैधानिक मान्यता देने के लिए बनाया गया था

Image Source: pexels

इस अधिनियम के अनुसार, महिला बिना किसी धार्मिक समारोह के विवाह कर सकती है, और चर्च ऑफ इंडिया का कोई मंत्री, स्कॉटिश पादरी या विवाह रजिस्ट्रार शादी को पूरा करा सकता है

Image Source: pexels

इसके साथ ही यह अधिनियम बाल विवाह को रोकने और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए एक बड़ा कदम था

Image Source: pexels