जैवलिन थ्रो के लिए बहुत ज़्यादा गति और ताकत की ज़रूरत होती है

Published by: एबीपी लाइव
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जैवलिन थ्रो को 1908 में लंदन के पुरूषों ने ओलंपिक का हिस्सा बनाया था

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वहीं महिलाओं की भाला फेंक प्रतियोगिता की शुरुआत साल 1932 के लॉस एंजिल्स ओलंपिक में हुई थी

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आइए जानते हैं कि जैवलिन के आखिरी हिस्से को क्या कहते हैं

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जैवलिन आकार में बेलनाकार होता है और उसके दोनों सिरे पतले होते हैं

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इस जैवलिन के तीन हिस्से होते हैं -हेड,शाफ्ट और कॉर्ड ग्रिप

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जैवलिन के आखिरी हिस्से को हेड,टिप या पॉइंट कहते हैं

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यह हिस्सा बेहद तेज और नुकीला होता है जो लक्ष्य को भेदने में मदद करता है

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पुरूषों के जैवलिन का वजन कम से कम 800 ग्राम और लंबाई 2.6 मीटर से 2.7 मीटर के बीच होती है

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वहीं महिलाओं के जैवलिन का भार 600 ग्राम और लंबाई 2.2 मीटर से 2.3 मीटर के बीच होती है

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