मुगलों के दौर में कैसे होती थी जमीनों की रजिस्ट्री?

Published by: एबीपी लाइव
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मुगलों का शासन भारत से वर्षों पहले खत्म हो गया है

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लेकिन आज भी मुगलों के इतिहास को लेकर देश भर में विवाद होते रहते हैं

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ऐसे में चलिए आपको बताते हैं कि मुगलों के दौर में जमीनों की रजिस्ट्री कैसे होती थी

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मुगलों के समय में अभी की तरह रजिस्ट्री के लिए कोई सिस्टम नहीं था

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हालांकि उस समय में भी जमीन की रजिस्ट्री जरूरी मानी जाती थी

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मुगलों के समय में जमीन की रजिस्ट्री और प्रबंधन आमतौर पर जागीरदारी प्रणाली से होता था

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पहले मनसबदारी प्रणाली के माध्यम से भी जमीन का प्रबंधन किया जाता था

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इसके अलावा भारत में औपचारिक रूप से रजिस्ट्री के लिए 1908 में पंजीकरण अधिनियम बना था

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जिसे 1 जनवरी 1909 से देश भर में लागू किया गया था

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