हवाई जहाज का पर्यावरण प्रदूषण में योगदान हैं

पर्यावरण एजेंसी यूबीए ने इस पर रिपोर्ट की है

जिसके मुताबिक, एक उड़ान 8,000 किमी की दूरी तय करती है

तो हर प्लेन पांच टन से अधिक कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ती है

यानी इसके मुकाबले कार या अन्य वाहन बहुत कम प्रदूषण फैलाते हैं

प्लेन जमीन से 5,000 से 35,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भरते हैं

इस ऊंचाई का पृथ्वी के तापमान पर खासा प्रभाव पड़ता है

अधिक ऊंचाई पर उड़ान भरने से ईंधन की खपत कम हो जाती है

हवाई जहाज से निकलने वाले धुएं से बादलों का निर्माण हो सकता है

जो पृथ्वी को ठंडा और गर्म दोनों कर सकता है, जिससे प्रदूषण होता है