ये बात सही है कि ट्रेन में स्टीयरिंग नहीं होता है

लेकिन ट्रेन को अपनी मर्जी से चलाया या रोका नहीं जा सकता है

इसलिए लोको पायलट का ट्रेन के चलाने में अहम रोल होता है

लोको पायलट सिग्नल के निर्देश से ट्रेन की स्पीड कम-ज्यादा करता है

लोको पायलट ट्रेन के गियर बदलता है

साइन बोर्ड के संकेत से स्पीड रखता है और हॉर्न बजाता है

आपातकाल की स्थिति गार्ड से संवाद करता है

ट्रेन की सूचना और अपडेट कंट्रोल रूम को देता है

ट्रेन की पटरी बदलने का काम पॉइंट्समैन करता है

लोको पायलट प्रोटोकॉल का पालन करते हुए ट्रेन चलाता है