स्पेस में कितनी मुश्किल होती है रॉकेट की डॉकिंग?

Published by: एबीपी लाइव
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डॉकिंग का मतलब स्पेसक्राफ्ट का इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के बिल्कुल पास जाकर उससे जुड़ना है

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इसके बाद ही अंतरिक्ष यात्री अपने स्पेसक्राफ्ट से निकलकर स्टेशन के अंदर जा पाते हैं

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डॉकिंग के वक्त अगर जरा सी भी गलती हो जाए, तो स्पेसक्राफ्ट स्टेशन से टकरा सकता है

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यह डॉकिंग प्रोसेस बहुत मुश्किल होता है

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स्पेस स्टेशन धरती से करीब 418 किलोमीटर ऊपर है और हर सेकंड 8 किलोमीटर की रफ्तार से घूम रहा होता है

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ऐसे में स्पेसक्राफ्ट को भी उसी दिशा और रफ्तार में खुद को लाकर, बहुत सावधानी से स्टेशन के पास लाना होता है

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फिर उसे बिल्कुल सही पोजिशन में आकर ISS से जुड़ना होता है

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ये प्रोसेस औटोमैटिक होता है लेकिन पायलट पूरी प्रक्रिया पर नजर रखते हैं

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इसके बाद दरवाजा खोला जाता है और अंतरिक्ष यात्री सुरक्षित तरीके से स्टेशन के अंदर चले जाते हैं

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