जब भी किसी सेना में भर्ती होती है तो कई प्रकार से टेस्ट होते हैं

जिसमें से सबसे जरूरी फिजिकल टेस्ट है

दरअसल, सेना में भर्ती होने के लिए फिजिकल टेस्ट में फिट होना जरूरी होता है

सेना में फ्लैट फुटेड वाले लोगों की भर्ती नहीं होती है

क्योंकि फ्लैट फुटेड पैर वाले लोगों को मार्च करने में परेशानी होती है

फ्लैट फुटेड पैर वाले लोग अगर मार्च करते हैं तो उनके रीढ़ की हड्डी को नुकसान पहुंचता है

जिसके कारण उनका विकलांग होने का डर बना रहता है

फ्लैट फुटेड लोगों का पता उनके पंजों से लगाया जाता है  

इसका पता लगाने के लिए गिले पैर से जमीन पर चलाया जाता है

भारत में 20 से 25 फीसदी लोगों का पैर फ्लैट फुट होता है.