Pacemaker क्या होता है और यह कैसे काम करता है?

Published by: एबीपी टेक डेस्क
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Pacemaker एक मेडिकल डिवाइस है. यह एक छोटा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण होता है जो हृदय की अनियमित धड़कन (Arrhythmia) को नियंत्रित करने के लिए लगाया जाता है.यह डिवाइस इलेक्ट्रिकल सिग्नल भेजकर दिल की धड़कन को सामान्य रखने में मदद करता है.

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जब दिल बहुत धीरे-धीरे धड़कता है (Bradycardia) तो Pacemaker इसे सही करने में सहायता करता है.

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इसमें एक बैटरी होती है जो कई वर्षों तक चलती है और समय-समय पर बदली जा सकती है.

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इसे आमतौर पर छाती की त्वचा के नीचे इम्प्लांट किया जाता है और इलेक्ट्रोड्स को दिल से जोड़ा जाता है.

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यह हृदय की गति को लगातार मॉनिटर करता है और जरूरत पड़ने पर इलेक्ट्रिकल सिग्नल भेजता है.

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इसमें Single-Chamber, Dual-Chamber और Biventricular Pacemaker शामिल हैं जो अलग-अलग प्रकार की समस्याओं के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं.

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Pacemaker लगाने के बाद कुछ मेडिकल जांचों और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़ से दूर रहने की सलाह दी जाती है.

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समय के साथ इसकी बैटरी को बदलने की जरूरत पड़ सकती है जिसे एक छोटी सर्जरी के जरिए बदला जाता है. नॉर्मली बैटरी की लाइफ 5 से 15 साल के बीच ही होती है.

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यह डिवाइस उन लोगों के लिए बेहद जरूरी होता है जिन्हें हार्ट रिदम से जुड़ी गंभीर समस्याएं होती हैं जिससे उनका जीवन सुरक्षित रहता है.

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