Smoke Detector मुख्यतः दो प्रकार की तकनीकों पर आधारित होते हैं - आयनीकरण डिटेक्टर और ऑप्टिकल (फोटोइलेक्ट्रिक) डिटेक्टर.
Published by: एबीपी टेक डेस्क
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November 20, 2024
इसमें एक आयनीकरण चेंबर होता है, Americium-241 का उपयोग करता है. धुआं चेंबर में प्रवेश करने पर आयन प्रवाह को बाधित करता है, जिससे अलार्म ट्रिगर होता है.
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November 20, 2024
Photoelectric Detector
इसमें एक प्रकाश स्रोत और सेंसर होता है. जब धुआं प्रकाश की किरणों को डिफ्लेक्ट करता है, तो सेंसर इसे पहचानकर अलार्म को सक्रिय करता है.
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November 20, 2024
आयनीकरण डिटेक्टर जल्दी-जलती आग (फ्लेमिंग फायर) का पता लगाने में बेहतर होते हैं, जबकि फोटोइलेक्ट्रिक डिटेक्टर धीमी और धुएं वाली आग के लिए अधिक संवेदनशील होते हैं.
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November 20, 2024
ये डिवाइस बैटरी या सीधे विद्युत आपूर्ति से चलते हैं. कई मॉडलों में बैकअप बैटरी होती है.
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November 20, 2024
जब धुआं डिटेक्टर द्वारा पहचाना जाता है, तो एक तेज ध्वनि अलार्म सक्रिय होता है, जो लोगों को आग की चेतावनी देता है.
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November 20, 2024
आधुनिक डिटेक्टर स्मार्ट होम सिस्टम से कनेक्ट होकर मोबाइल अलर्ट भी भेज सकते हैं.
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November 20, 2024
इन्हें छत पर या दीवारों पर ऊंचाई पर लगाया जाता है, जहां धुआं जल्दी पहुंच सके.
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November 20, 2024
नियमित रूप से टेस्ट बटन दबाकर इसकी कार्यक्षमता जांचनी चाहिए. बैटरी कम होने पर उपकरण बीप साउंड करता है.
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November 20, 2024
कुछ डिवाइस दोनों तकनीकों (आयनीकरण और फोटोइलेक्ट्रिक) का उपयोग करते हैं, जिससे किसी भी प्रकार की आग का तुरंत पता लगाया जा सकता है.