बनारसी साड़ियों को भारत की
सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा कहा जा सकता है
ये साड़ियां हमारी परंपरा और
कलाकारी की झलक प्रस्तुत करती हैं
बनारसी साड़ियों की पहचान सिल्क की चमकदार और
मुलायम सिल्क के धागों के साथ होती है
आइए जानते हैं कि कौनसी
साड़ी असली बनारसी होती है?
इसके लिए साड़ी के किनारों
या पल्लू के कोनों को देखें
चमकदारी और
मुलायमी की जांच करें
बनारसी साड़ियों में
आमतौर पर एक जरोक्का पैटन होता है
जिसमें भारतीय बूटे, पैसली, और
अन्य डिज़ाइन होते हैं
जरोक्के का काम किसी महीने के
सिल्क या ब्लेंडेड सिल्क की तरह होता है
जबकि नकली साड़ियों के
जरोक्के किसी सस्ते सिल्क के होते हैं
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